एशिया कप 2025 के सुपर-4 मुकाबले में भारत और पाकिस्तान आमने-सामने थे। जहां भारत ने शानदार जीत दर्ज की, वहीं फखर ज़मान का आउट होना एक बड़ा विवाद बन गया। तीसरे ओवर में विकेटकीपर संजू सैमसन ने एक लो कैच लिया, जिसे थर्ड अंपायर ने आउट करार दिया — लेकिन रिप्ले में गेंद की पोजिशन को लेकर संदेह बना रहा।
कैच
जब फखर ज़मान बैटिंग कर रहे थे, तब सैमसन ने एक नीची गेंद पर डाइव लगाकर कैच लपका। अंपायर ने तुरंत थर्ड अंपायर से मदद ली। लेकिन टीवी पर जो रिप्ले दिखा, उसमें गेंद उंगली से टकराती हुई या जमीन को छूती हुई नजर आई। थर्ड अंपायर ने सीमित एंगल में देखा और फखर को आउट दे दिया।
गुस्सा
फखर ज़मान इस फैसले से बिलकुल खुश नहीं दिखे। वे मैदान छोड़ते वक्त गुस्से में थे और कैमरे ने उनके रिएक्शन को साफ कैद किया। फैंस और पाकिस्तान क्रिकेट से जुड़े लोग भी इस फैसले पर सवाल उठाने लगे।
चोपड़ा की राय
इस पूरे मामले पर पूर्व ओपनर आकाश चोपड़ा ने भी अपनी राय दी। ESPNcricinfo से बातचीत में उन्होंने कहा, “समस्या ये है कि हम एक 3D गेम को 2D कैमरे में देख रहे हैं। ऐसे में ये तय करना बहुत मुश्किल हो जाता है कि गेंद पहले जमीन से लगी या सीधे हाथ में गई।”
दोनों पक्ष
आकाश चोपड़ा ने ये भी कहा कि ऐसे मामलों में दोनों टीमों के पास अलग-अलग नजरिया होता है। पाकिस्तान को लगेगा कि ये आउट नहीं था, जबकि भारत कहेगा कि ये क्लीन कैच था। यही दिक्कत हर लो कैच में आती है — हर कोई अपनी टीम के हिसाब से सोचेगा।
उम्पायर कॉल
उनका ये भी मानना है कि “उम्पायर कॉल” जैसा नियम इन केसों में हटना चाहिए। क्योंकि जब फैसला इतना क्लोज़ हो, तो ‘उम्पायर कॉल’ का लॉजिक कई बार फैसले को और विवादास्पद बना देता है।
पाकिस्तान की शिकायत
Samaa TV की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान टीम मैनेजमेंट ने इस फैसले पर आधिकारिक शिकायत दर्ज कर दी है। टीम मैनेजर नवीद अख़्तर चीमा ने अंपायरों और मैच रेफरी को ईमेल भेजकर पूछा कि क्या थर्ड अंपायर ने वाकई सारे कैमरा एंगल देखे थे या नहीं?
पक्षपात का आरोप
पाकिस्तान का कहना है कि फैसला जल्दबाज़ी में लिया गया, सभी एंगल्स नहीं देखे गए और ठोस सबूत के बिना आउट दिया गया। टीम को लगता है कि यह निर्णय निष्पक्ष नहीं था।
तकनीकी चुनौती
क्रिकेट में लो कैच हमेशा से एक टेक्निकल समस्या रहा है। कैमरा एंगल सीमित होते हैं, ज़मीन के करीब गेंद का मूवमेंट पकड़ना आसान नहीं होता। ऐसे में खिलाड़ी, फैंस और यहां तक कि अंपायर भी भ्रमित हो जाते हैं।
3D बनाम 2D
आकाश चोपड़ा की बात काफी हद तक सही लगती है — जब आप एक थ्री-डायमेंशनल गेम को टू-डायमेंशनल स्क्रीन पर देख रहे हों, तो पूरी सच्चाई पकड़ पाना आसान नहीं होता।
समाधान?
चोपड़ा जैसे जानकारों का मानना है कि या तो लो कैच के लिए एक नया नियम आए, या फिर संदेह की स्थिति में बल्लेबाज़ को नॉट आउट माना जाए। क्योंकि अब जब तकनीक भी पूरी क्लैरिटी नहीं दे पा रही, तो नियमों में कुछ बदलाव ज़रूरी लगते हैं।
आगे क्या
फिलहाल भारत ने ये मैच जीत लिया, लेकिन फखर ज़मान का यह आउट आने वाले भारत-पाक मुकाबलों में और आग जरूर लगाएगा। एशिया कप में दोनों टीमों की टक्कर हमेशा बड़ी होती है — और ऐसे विवाद इसे और भी तीखा बना देते हैं।