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गौतम गंभीर की नाराज़गी – “कोटला की पिच थोड़ी चिंताजनक है”, टेस्ट क्रिकेट के भविष्य पर जताई चिंता

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Gautam Gambhir

भारत ने वेस्टइंडीज के खिलाफ 2-0 से टेस्ट सीरीज़ तो जीत ली, लेकिन कोच गौतम गंभीर इस नतीजे से पूरी तरह खुश नहीं दिखे। दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान पर मिली जीत के बाद गंभीर ने पिच की आलोचना की और कहा कि अगर ऐसे विकेट मिलते रहे, तो टेस्ट क्रिकेट का भविष्य खतरे में पड़ सकता है।

मैच के बाद बयान

पोस्ट-मैच प्रेजेंटेशन में गंभीर ने कहा, “हम बेहतर विकेट की उम्मीद कर रहे थे। हां, नतीजा हमें पांचवें दिन मिला, लेकिन न गेंदबाज़ों को मदद मिली, न कैरी थी। और यह थोड़ा अलार्मिंग (चिंताजनक) है।”

उन्होंने साफ कहा कि जब आपके पास जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज जैसे विश्वस्तरीय तेज़ गेंदबाज़ हैं, तो पिच में उतनी जान होनी चाहिए कि वो भी खेल में हिस्सा ले सकें।

स्पिनर्स को भी दिक्कत

दिल्ली की पिच आमतौर पर धीमी टर्न देती है, लेकिन इस बार हालात अलग थे। रवींद्र जडेजा और वॉशिंगटन सुंदर जैसे स्पिनर्स भी गेंद को ग्रिप नहीं करा पाए। बल्लेबाज़ आसानी से बैकफुट पर जाकर स्पिन को खेलते रहे। गंभीर ने कहा, “हम बार-बार स्पिनर्स पर भरोसा करते हैं, लेकिन जब टीम में क्वालिटी पेसर हों, तो पिच को उन्हें भी मौका देना चाहिए।”

टेस्ट क्रिकेट की चिंता

गंभीर ने पिच की क्वालिटी को टेस्ट क्रिकेट की लोकप्रियता से जोड़ते हुए कहा, “अगर हमें टेस्ट क्रिकेट जिंदा रखना है, तो पिचों में कैरी और बैलेंस ज़रूरी है। यह जिम्मेदारी सिर्फ क्यूरेटर की नहीं, बल्कि हर राज्य संघ की है।”

उन्होंने यह भी कहा कि दर्शक तभी टेस्ट देखेंगे जब खेल रोमांचक होगा, और रोमांच वहीं आता है जहां बैट और बॉल दोनों के बीच बराबरी का मुकाबला हो।

क्यूरेटरों के लिए संदेश

गंभीर का यह बयान सीधे तौर पर पिच क्यूरेटरों और बोर्ड के लिए संदेश है कि सिर्फ स्पिन-फ्रेंडली पिच बनाकर टेस्ट नहीं जीते जा सकते। असली चुनौती ऐसी पिच तैयार करना है जिसमें स्पिन और पेस — दोनों का रोल दिखे। उन्होंने कहा, “टेस्ट क्रिकेट को बचाना है तो पिचों से शुरुआत करनी होगी।”

अगली चुनौती – दक्षिण अफ्रीका

भारत अब नवंबर में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दो टेस्ट मैच खेलेगा। पहला टेस्ट 14 नवंबर से कोलकाता में और दूसरा 22 नवंबर से गुवाहाटी में होगा। इस सीरीज़ में दोनों देशों के तेज़ गेंदबाज़ों का मुकाबला देखने लायक होगा — भारत के पास बुमराह और सिराज, तो वहीं अफ्रीका के पास कगिसो रबाडा और एनरिक नॉर्टजे होंगे।

संतुलन की मांग

गंभीर का मानना है कि पिच संतुलित होनी चाहिए, जिससे हर तरह के गेंदबाज़ को मौका मिले। उनका कहना है, “अगर विकेट इतना फ्लैट है कि ना स्पिनर असर दिखा पा रहे हैं, ना पेसर, तो दर्शकों की दिलचस्पी कम हो जाएगी। टेस्ट क्रिकेट को जिंदा रखना सबकी जिम्मेदारी है।”

अंतिम संदेश

गंभीर की बातों को अनदेखा करना मुश्किल है, खासकर तब जब वो खुद एक ऐसे खिलाड़ी रहे हैं जिन्होंने कठिन पिचों पर कई यादगार पारियां खेली हैं। उनका यह बयान न सिर्फ चेतावनी है बल्कि एक अपील भी — कि अगर टेस्ट क्रिकेट को जीवंत रखना है, तो शुरुआत पिच से करनी होगी।

FAQs

गंभीर को किस पिच से शिकायत है?

दिल्ली के फिरोजशाह कोटला की टेस्ट पिच से।

गंभीर ने क्यों कहा कि पिच चिंताजनक है?

क्योंकि उसमें कैरी नहीं था और पेसर्स को मदद नहीं मिली।

कोटला की पिच पर स्पिनर्स को मदद मिली?

नहीं, जडेजा और सुंदर को भी टर्न नहीं मिला।

भारत का अगला टेस्ट असाइनमेंट कौन सा है?

दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ, नवंबर 2025 में।

गंभीर ने क्या समाधान सुझाया?

बेहतर, संतुलित विकेट जो सभी गेंदबाज़ों को मदद दे।

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