भारतीय टेस्ट टीम की बल्लेबाज़ी लाइन-अप एक बार फिर चर्चा में है — और इस बार वजह हैं कोच गौतम गंभीर के फैसले। कोलकाता टेस्ट में उन्होंने वॉशिंगटन सुंदर को नंबर 3 पर भेजकर सबको चौंका दिया।
किसे हटाया गया?
ये वही जगह थी जहां कुछ वक्त पहले साई सुदर्शन और करुण नायर को आज़माया गया था। वेस्टइंडीज के खिलाफ साई ने 7, 87 और 39 रन बनाए थे — यानि खराब नहीं खेले थे। फिर भी उन्हें बाहर कर दिया गया।
सुंदर को क्यों मौका मिला?
वॉशिंगटन सुंदर को अचानक इस अहम पोजिशन पर भेजना हैरानी भरा रहा। उन्होंने 29 और 31 रन बनाए — कोई बड़ी पारी नहीं, लेकिन नाकामी भी नहीं। पर क्या ये नंबर 3 जैसी जिम्मेदार जगह के लिए काफी है?
चोपड़ा की नाराज़गी
आकाश चोपड़ा ने इस फैसले की खुलकर आलोचना की। उन्होंने कहा कि अगर सुंदर को लॉन्ग-टर्म प्लान का हिस्सा माना जा रहा है, तो फिर साई सुदर्शन और करुण नायर को ट्राय करना सिर्फ टाइम पास था?
क्या चाहिए इस रोल में?
चोपड़ा ने ये भी जोड़ा कि नंबर 3 पर सिर्फ स्किल नहीं, बल्कि मैच को पढ़ने की समझ, टेम्परामेंट और समय बिताने की कला चाहिए — और इसके लिए स्पेशलिस्ट बैटर ज़रूरी हैं।
स्पष्टता कहां है?
उन्होंने कहा कि अगर वॉशिंगटन सुंदर को बल्लेबाज़ के तौर पर जगह मिल रही है, तो टीम को पिछले 6-7 महीनों की पॉलिसी पर दोबारा सोचने की ज़रूरत है।
साई को क्या संदेश गया?
साई सुदर्शन को जब मौका मिला, उन्होंने रन बनाए। लेकिन फिर भी बाहर हो गए। आकाश चोपड़ा ने पूछा, “क्या अब बस ‘मन बदल गया’? ऐसा ट्रांज़िशन टीम के लिए नुकसानदेह है।”
करुण नायर की कहानी भी ऐसी
करुण नायर को भी इंग्लैंड टूर पर नंबर 3 पर मौका मिला था, लेकिन उन्हें भी लगातार मौके नहीं मिले। अब वही कहानी साई सुदर्शन के साथ दोहराई जा रही है।
क्या दिशा साफ है?
इन फैसलों से ये सवाल उठने लगा है — क्या टीम इंडिया एक तय प्लान पर चल रही है, या हर सीरीज़ में सोच बदल जाती है?
अंत में सवाल यही है
बदलाव गलत नहीं होते, लेकिन बिना दिशा के बदलाव सिर्फ भ्रम फैलाते हैं। आकाश चोपड़ा ने साफ कहा — खिलाड़ियों को यह पता होना चाहिए कि टीम उन्हें किस रोल के लिए देख रही है और कितनी गंभीरता से।
FAQs
साई सुदर्शन को क्यों बाहर किया गया?
उन्हें वॉशिंगटन सुंदर के लिए ड्रॉप किया गया, कारण स्पष्ट नहीं।
वॉशिंगटन सुंदर ने नंबर 3 पर कितने रन बनाए?
उन्होंने पहली पारी में 29 और दूसरी में 31 रन बनाए।
आकाश चोपड़ा का मुख्य तर्क क्या था?
टीम में स्पष्टता और स्थिरता होनी चाहिए, न कि लगातार प्रयोग।
करुण नायर को कब आजमाया गया था?
उन्हें इंग्लैंड दौरे पर नंबर 3 पर खिलाया गया था।
टॉप ऑर्डर में क्या जरूरी है?
टेक्निक, टेम्परामेंट और समय बिताने की क्षमता।









