शुभमन गिल अब सिर्फ बल्लेबाज़ नहीं, बल्कि टेस्ट टीम के कप्तान बन चुके हैं — वो भी महज़ 25 की उम्र में। यह वही उम्र थी जब विराट कोहली पहले ही अपनी बल्लेबाज़ी से पूरी दुनिया में पहचान बना चुके थे। अब सवाल ये उठता है — क्या गिल भी कोहली जैसी विरासत बना सकते हैं?
लीडरशिप फर्क
गिल की कप्तानी की शुरुआत अभी हुई है, जबकि कोहली 25 तक उपकप्तान बन चुके थे। उनके अंदर का आत्मविश्वास मैदान पर साफ नज़र आता था। गिल को इस रोल में खुद को साबित करने का वक्त मिला है — और लोगों की उम्मीदें भी उनसे जुड़ चुकी हैं।
टेस्ट तुलना
25 की उम्र तक टेस्ट क्रिकेट में कोहली ने 29 मैचों में 1,855 रन बनाए, औसत था 39.46। वहीं गिल ने 32 मैचों में 1,893 रन बनाए हैं, लेकिन औसत थोड़ा कम — 35.06। यानी रन तो गिल ने ज़्यादा बनाए हैं, पर कोहली की निरंतरता और परिपक्वता उन्हें इस फॉर्मेट में आगे रखती है।
ODI में बढ़त
वनडे में गिल के आंकड़े हैरान कर देते हैं। उन्होंने लगभग 55 पारियों में 2,000 से ज़्यादा रन बनाए हैं, औसत 59.04 — जो कि कोहली के 51.31 से बेहतर है। हालांकि कोहली ने ज़्यादा पारियां खेली थीं और शतक भी ज़्यादा थे। गिल को इस औसत को बनाए रखना सबसे बड़ी चुनौती होगी।
T20 मुकाबला
T20 में कोहली का औसत 46.28 रहा, स्ट्राइक रेट करीब 135 के आसपास। वहीं गिल का स्ट्राइक रेट 145 के पार है, लेकिन औसत सिर्फ 30.42 — यानी वो तेजी से रन तो बनाते हैं, लेकिन स्थिरता अभी आनी बाकी है।
कुल आंकड़े
अगर तीनों फॉर्मेट में कुल रन की बात करें, तो 25 की उम्र तक विराट कोहली ने 6,681 रन बना लिए थे। गिल अभी तक 4,398 रन पर हैं। फर्क साफ है — कोहली ने जल्दी शुरुआत की थी, वहीं गिल को 2019 के बाद ही मौके मिले।
अंतिम निष्कर्ष
कोहली ने 25 की उम्र तक ही भारतीय क्रिकेट पर गहरी छाप छोड़ दी थी — उनकी पहचान रिकॉर्ड्स और कप्तानी दोनों से बनी। गिल उस रास्ते पर हैं, जहां से उनकी खुद की कहानी शुरू हो रही है।
अपनी राह
गिल के पास तकनीक है, टेम्परामेंट है और अब कप्तानी का मंच भी। वो कोहली की कॉपी नहीं बनना चाहते — बल्कि अपनी एक नई पहचान बनाना चाहते हैं। और शायद यही उन्हें लंबी रेस का घोड़ा बना दे।