पिछले कुछ दिनों में एक पुराना वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ, जिसमें इरफान पठान ने अपने करियर के उस दौर की बात की जब वो टीम से बाहर हो गए थे। इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि उन्हें “किसी के कमरे में हुक्का लगाने या फालतू बातें करने की आदत नहीं है”, और वो हमेशा मैदान पर प्रदर्शन करने में विश्वास रखते हैं।
धोनी पर इशारा?
हालांकि इरफान ने किसी खिलाड़ी का नाम नहीं लिया, लेकिन फैंस ने इसे एमएस धोनी से जोड़ लिया। कुछ सोशल मीडिया यूज़र्स और यहां तक कि युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह ने भी दावा किया कि धोनी की वजह से इरफान का करियर समय से पहले खत्म हो गया।
नया मोड़
लेकिन अब इस विवाद में एक नया ट्विस्ट आ गया है। धोनी के पूर्व मैनेजर रहे युधाजीत दत्ता ने सोशल मीडिया पर एक पुराना किस्सा शेयर किया, जिसने सबकी सोच को एक बार फिर पलट दिया।
वैन में हुआ था खास लम्हा
युधाजीत ने लिखा कि एक बार एक पेप्सी ऐड शूट के दौरान वे तीनों — धोनी, इरफान और वो खुद — एक वैन में थे। उस वक्त उन्हें कुछ छोटे बैट दिए गए थे जिन पर सिग्नेचर करने थे, लेकिन धोनी और इरफान ने एक-दूसरे के नाम साइन कर दिए। साथ में एक मजेदार लाइन भी लिखी और वो बैट युधाजीत को देकर कहा कि इसे संभाल कर रखना — ये हमारी दोस्ती की याद है।
“हकीकत नहीं, सनसनी”
युधाजीत ने ये भी जोड़ा कि आज जो ‘हुक्का कल्चर’ वाली बातें वायरल हो रही हैं, वो हकीकत से ज़्यादा सनसनी के लिए कही जा रही हैं। उन्होंने लिखा कि उनके सामने जो रिश्ता रहा, वो दोस्ती और सम्मान से भरा था।
क्या टूटी थी दोस्ती?
वक्त के साथ शायद रिश्तों में थोड़ा ठंडापन आया हो, खासकर जब इरफान का करियर बिना किसी ठोस वजह के थम गया। लेकिन दत्ता की यह कहानी यह भी दिखाती है कि उस दौर में इरफान और धोनी एक-दूसरे के काफी करीब थे।
क्रिकेट की सच्चाई
भारतीय क्रिकेट में दोस्ती, राजनीति और करियर ग्राफ — सब साथ चलते हैं। कप्तान का हर फैसला सबको पसंद नहीं आता, और खिलाड़ी का हर अनुभव अलग होता है। लेकिन ऐसी कहानियां ये जरूर दिखाती हैं कि मैदान के बाहर भी कुछ रिश्ते खास होते हैं।
फ्रेंडशिप बैट की याद
आज जब सोशल मीडिया पर बहस चल रही है कि धोनी ने सही किया या नहीं, वहीं ये “फ्रेंडशिप बैट” वाली कहानी याद दिलाती है कि क्रिकेट सिर्फ रन और विकेट का खेल नहीं — बल्कि इमोशन्स, रिश्ते और यादों का भी हिस्सा है।