भारतीय क्रिकेटर इरफ़ान पठान एक बार फिर सुर्खियों में हैं, लेकिन इस बार मैदान की वजह से नहीं, बल्कि एक पांच साल पुराना इंटरव्यू वायरल होने के कारण। इस इंटरव्यू में उन्होंने 2008 की ऑस्ट्रेलिया सीरीज़ के दौरान एमएस धोनी से बातचीत और टीम से बाहर होने की स्थिति पर खुलकर बात की थी।
इंटरव्यू में क्या कहा था इरफ़ान ने?
इरफ़ान ने कहा था:
“मीडिया में खबर थी कि माही भाई मेरी गेंदबाज़ी से खुश नहीं हैं। मैंने उनसे खुद जाकर पूछा, उन्होंने कहा ऐसा कुछ नहीं है। मैंने माना और आगे बढ़ा।”
उन्होंने आगे जोड़ दिया:
“मेरी आदत नहीं है कि किसी के कमरे में जाकर हुक्का लगाऊं या खुशामद करूं। मेरा काम प्रदर्शन करना है।”
यही ‘हुक्का बयान’ अब सोशल मीडिया पर विवाद का केंद्र बन गया है।
इरफ़ान का ताज़ा रिएक्शन
जब यह वीडियो वायरल हुआ, तो इरफ़ान ने सोशल मीडिया पर सफाई दी। उन्होंने कहा:
“यह आधा दशक पुराना वीडियो है, और अब इसे तोड़-मरोड़कर पेश किया जा रहा है। क्या यह फैन वॉर है या PR लॉबी का खेल?”
इरफ़ान ने यह भी स्पष्ट किया कि उनका बयान किसी खिलाड़ी के खिलाफ नहीं, बल्कि प्रोफेशनल एप्रोच पर था।
धोनी का नाम कैसे जुड़ा?
हालांकि इंटरव्यू में धोनी का ज़िक्र था, लेकिन इरफ़ान ने कभी भी सीधे तौर पर आरोप नहीं लगाए। उन्होंने सिर्फ उस दौर के अपने अनुभव साझा किए। मगर सोशल मीडिया पर इसे ‘धोनी बनाम इरफ़ान’ के नैरेटिव में बदल दिया गया।
इरफ़ान का करियर
- टेस्ट: 29 | विकेट: 100 | रन: 1105
- वनडे: 120 | विकेट: 173 | रन: 1544
- T20I: 24 | विकेट: 28 | रन: 172
- 2004 में टेस्ट हैट्रिक लेने वाले भारत के इकलौते गेंदबाज़।
यह विवाद हमें यह याद दिलाता है कि पुराने बयानों को वर्तमान संदर्भ में पेश करना कितना भ्रामक हो सकता है। इरफ़ान ने अपने विचार स्पष्ट कर दिए हैं, और धोनी के साथ उनके संबंधों को लेकर कोई नई खटास नहीं दिखाई देती। यह मामला एक PR लॉबी, ट्रोलिंग और सोशल मीडिया नैरेटिव के खतरों का उदाहरण भी है।