जसप्रीत बुमराह जब मैदान पर विकेट लेते हैं, तब सिर्फ उनकी गेंदबाज़ी ही नहीं, बल्कि उनका धैर्य और प्रोफेशनल रवैया भी दिखता है। ट्रोल्स हों या आलोचक — बुमराह का जवाब हमेशा एक ही होता है: चुप रहो और खेलो।
वर्कलोड मैनेजमेंट
चोट से वापसी के बाद से उन पर लगातार सवाल उठते रहे — क्या वो हर सीरीज़ में क्यों नहीं खेलते? लेकिन वो जानते हैं कि करियर लंबा चलाना है, तो समझदारी से खेलना ज़रूरी है।
दोस्त बोले — वो ध्यान देता है, लेकिन दिखाता नहीं
बुमराह के करीबी दोस्त मनप्रीत जुनेजा बताते हैं कि उसे फर्क पड़ता है, लेकिन वो मानसिक रूप से बेहद मजबूत है। सोशल मीडिया से दूरी बनाए रखना उसकी ताकत है।
अहमदाबाद वाला बुमराह
क्रिकेट से बाहर बुमराह पूरी तरह से फैमिली मैन हैं। बेटे अंगद के साथ समय बिताना, पुराने दोस्तों के साथ मस्ती, और मोहल्ले की सोसायटी से जुड़ा रहना — यही है उनका असली ब्रेक।
ब्रेक का मतलब — पूरी तरह डिस्कनेक्ट
जब भी वो क्रिकेट से ब्रेक लेते हैं, तो फोन तक दूर रखते हैं। प्लेस्टेशन, पिकलबॉल और पुराने दोस्त — यही है उनका रिचार्ज मोड।
नेट्स में मेंटर
अहमदाबाद में जब भी होते हैं, सुबह 7 बजे नेट्स पर पहुंच जाते हैं। वहां बच्चों के साथ खुद आगे बढ़कर बात करते हैं, उन्हें गाइड करते हैं। सीनियर स्टार होकर भी उनकी सादगी युवाओं को इंप्रेस करती है।
बोलिंग एक्शन पर भी झेला ताना
बचपन में कई कोच बोले — एक्शन बदलो। लेकिन बुमराह ने अपना अंदाज़ नहीं छोड़ा। वही अनोखा एक्शन आज उनकी पहचान है।
चोट से वापसी — मुश्किल राह
2023 में बुमराह ने गंभीर पीठ की चोट से वापसी की। तेज गेंदबाज़ों के लिए ये आसान नहीं होता, लेकिन उन्होंने लय और स्पीड दोनों बरकरार रखी।
सिराज की बात
मोहम्मद सिराज ने कहा, “जस्सीभाई जानता है कब रुकना है। अगर इंग्लैंड में और खेलता, तो शायद पूरी तरह ठीक नहीं हो पाता।”
क्रिकेट से परे इंसान
ट्रेनिंग में अगर किसी से गलती हो जाए, तो बुमराह कभी गुस्सा नहीं होते। मैदान के बाहर वह एक सिंपल, grounded इंसान हैं, जो अपने परिवार और दोस्तों से ताकत लेते हैं।
दूसरों से अलग
जसप्रीत बुमराह सिर्फ एक गेंदबाज़ नहीं, वो एक सोच हैं — जो बताता है कि स्टार बनने के बाद भी जमीन से कैसे जुड़ा रहा जा सकता है। वो युवाओं के लिए रोल मॉडल हैं, और टीम इंडिया के लिए एक भरोसेमंद ‘सिपाही’।