एशिया कप में भारत से कड़े मुकाबले के बाद ओमान के कप्तान जतिंदर सिंह ने एक अहम बयान दिया है। उन्होंने भारत से गुज़ारिश की कि ओमान के खिलाड़ियों को ट्रेनिंग का मौका मिले ताकि टेस्ट और एसोसिएट टीमों के बीच की खाई को कम किया जा सके।
भारत से उम्मीद
मैच के बाद जतिंदर ने कहा कि अगर भारत ओमान के खिलाड़ियों को अपने नेशनल क्रिकेट अकैडमी (NCA) में ट्रेनिंग का अवसर दे, तो इससे उनकी स्किल, फिटनेस और मेंटल ग्रोथ में बहुत सुधार आ सकता है। साथ ही, रणजी और क्लब टीमों के खिलाफ प्रैक्टिस मैच खेलने से उन्हें बड़ा फायदा मिलेगा।
क्रिकेट महाशक्ति
जतिंदर ने भारत को क्रिकेट का सुपरपावर बताया और कहा कि ऐसे बड़े देशों की ज़िम्मेदारी बनती है कि वे छोटे क्रिकेटिंग देशों को ऊपर उठाने में मदद करें। इससे सिर्फ उन टीमों का फायदा नहीं होगा, बल्कि क्रिकेट का दायरा भी बढ़ेगा।
सम्मानजनक हार
भारत जैसी नंबर 1 टी20 टीम के सामने ओमान ने पहली बार खेलते हुए 21 रन से करीबी हार झेली। जतिंदर ने कहा कि हार के बावजूद उनकी टीम ने जो प्रदर्शन दिखाया, वह गर्व की बात है। हर खिलाड़ी ने दिल से खेला और पूरा जज़्बा दिखाया।
अवसरों की कमी
जतिंदर का मानना है कि अगर एसोसिएट देशों को ज़्यादा मौके मिलें, तो वे तेजी से सुधार कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि ओमान के खिलाड़ियों में टैलेंट है, लेकिन उन्हें इंटरनेशनल प्लेटफॉर्म और फ्रेंचाइज़ी क्रिकेट का एक्सपोजर नहीं मिल पाता।
प्लेटफॉर्म की ज़रूरत
उन्होंने कहा कि जब खिलाड़ियों को बड़े टूर्नामेंट या लीग्स में खेलने का मौका मिलेगा, तो वे अपने अनुभव को देश में वापसी के बाद युवा क्रिकेटर्स के साथ बांट सकते हैं और पूरे सिस्टम को मज़बूत कर सकते हैं।
आगे की तैयारी
अब ओमान की टीम T20 वर्ल्ड कप क्वालिफायर की तैयारी में जुटेगी, जो उनकी घरेलू सरज़मीं पर होगा। जतिंदर ने कहा कि भारत के खिलाफ खेलना एक बड़ी सीख थी और अब वे उस आत्मविश्वास के साथ क्वालिफायर में उतरेंगे।
टीम का आत्मविश्वास
उन्होंने माना कि कुछ साझेदारियां मजबूत होती तो मैच का नतीजा अलग हो सकता था, लेकिन उन्होंने टीम की फाइटिंग स्पिरिट की जमकर तारीफ की। उनका मानना है कि ओमान की टीम अब किसी को भी चौंका सकती है।
भारत की भूमिका
जतिंदर का बयान एक गहरा संदेश है – ये सिर्फ एक क्रिकेट मैच की बात नहीं, बल्कि एक खेल डिप्लोमेसी का संकेत भी है। भारत के पास मौका है कि वह क्रिकेट के ज़रिए छोटे देशों की मदद कर उन्हें ग्लोबल स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करे।
अंतर घटाने की कोशिश
अगर भारत जैसे बड़े देश NCA, BCCI और डोमेस्टिक सेटअप को सहयोग के लिए खोलें, तो न सिर्फ ओमान बल्कि कई दूसरे देशों के क्रिकेटर्स को एक नई दिशा मिल सकती है – और इससे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट और भी रोमांचक बन सकता है।