एशिया कप 2025 का फाइनल भारत ने जीत लिया, लेकिन इसके बाद का माहौल क्रिकेट से ज़्यादा राजनीतिक हो गया। हाथ न मिलाने से लेकर ट्रॉफी न लेने तक, हर कदम पर विवाद ही छाया रहा। ऐसे में कपिल देव का बयान सामने आया, जो क्रिकेट की आत्मा की बात करता है — और चेतावनी भी देता है।
ट्रॉफी का ड्रामा
मैच से पहले ही BCCI ने ACC को साफ कर दिया था कि भारतीय खिलाड़ी मोहसिन नक़वी से ट्रॉफी नहीं लेंगे। लेकिन नक़वी ने जबरदस्ती मंच पर ट्रॉफी देने की कोशिश की और टीम इंडिया के इनकार के बाद ट्रॉफी लेकर चले गए।
इसके बाद पूरी ट्रॉफी सेरेमनी एक घंटे तक रुकी रही — ना मेडल बंटे, ना असली ट्रॉफी हाथ में आई।
कपिल देव का बयान
इंडिया टुडे से बातचीत में कपिल देव ने कहा,
“खेल को राजनीति से दूर रखो। खिलाड़ी और मीडिया दोनों की ज़िम्मेदारी है कि खेल को खेल की तरह पेश करें, ना कि कोई एजेंडा बनाकर।”
उन्होंने साफ कहा कि क्रिकेट तभी जिंदा रहेगा जब फोकस सिर्फ खेल पर होगा, न कि इसके इर्द-गिर्द फैलते विवादों पर।
मीडिया को नसीहत
कपिल ने कहा, “मीडिया सब दिखाता है, वो उसका काम है। लेकिन खिलाड़ियों को चाहिए कि वो विवादों में उलझने की बजाय खेल पर टिके रहें। यही असली खेल भावना है।”
पाकिस्तान क्रिकेट पर टिप्पणी
कपिल देव ने पाकिस्तान क्रिकेट की तुलना उसके सुनहरे दौर से करते हुए कहा, “अब वैसा टैलेंट नजर नहीं आता। इमरान, मियांदाद, अकरम, वकार — वो जमाना अलग था। आज की पाक टीम में वो क्लास नहीं दिखता।”
उनका मानना है कि पाकिस्तान क्रिकेट अब पीछे छूटता जा रहा है, और केवल बयानबाज़ी से सम्मान नहीं मिलता।
राजनीति का असर
कपिल देव ने साफ किया कि जब खिलाड़ी राजनीतिक फैसलों का हिस्सा बनने लगते हैं, तो खेल की आत्मा मरने लगती है। उनका संदेश था — खिलाड़ी खिलाड़ी रहें, नेता न बनें।
आने वाली पीढ़ी के लिए सबक
कपिल का यह बयान सिर्फ वर्तमान हालात पर टिप्पणी नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ी के लिए एक दिशा है।
“स्पोर्ट्समैनशिप, विनम्रता और सम्मान — यही असली ट्रॉफी होती है,” उन्होंने कहा।
कपिल देव जैसे लीजेंड की बात को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। उन्होंने एक बार फिर याद दिलाया कि क्रिकेट का मंच युद्ध का मैदान नहीं है — और अगर हम इसे राजनीतिक रंग देना बंद नहीं करेंगे, तो हम आने वाले समय में सिर्फ विवादों की यादें छोड़ देंगे, खेल की नहीं।