कुलदीप यादव बोले – भारत के लिए सभी फॉर्मेट खेलना एक लग्ज़री है

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Kuldeep Yadav

टीम इंडिया के स्पिनर कुलदीप यादव के लिए भारत के लिए सभी फॉर्मेट में खेलना सिर्फ एक मौका नहीं, बल्कि लग्ज़री जैसा है। उनका मानना है कि मौजूदा सफलता के पीछे उनकी सोच का बड़ा रोल है – वो सोच है विकेट लेने की, हर हाल में।

हालिया प्रदर्शन

ऑस्ट्रेलिया टूर से बीच में लौटने के बाद कुलदीप ने कोलकाता टेस्ट में चार विकेट चटकाए, हालांकि भारत वो मैच 30 रनों से हार गया। इसके बावजूद उनका परफॉर्मेंस फिर से सबका ध्यान खींचने वाला था।

कड़ी टक्कर

कुलदीप अब तक तीनों फॉर्मेट में मिलाकर 342 इंटरनेशनल विकेट ले चुके हैं, लेकिन वो जानते हैं कि भारत जैसी टीम में लगातार हर फॉर्मेट खेलते रहना आसान नहीं है। उन्होंने ‘Follow The Blues’ शो में कहा कि टेस्ट क्रिकेट खेलना सबसे बड़ा संतोष देता है।

टेस्ट का जुनून

अब कुलदीप का ध्यान पूरी तरह फिटनेस और लॉन्ग टर्म परफॉर्मेंस पर है। उन्होंने कहा कि आने वाले चार से पांच साल उनके टेस्ट करियर के लिए काफी अहम होने वाले हैं। टेस्ट क्रिकेट उन्हें सबसे ज्यादा चैलेंजिंग और दिलचस्प लगता है।

गेंदबाज़ी की सोच

कुलदीप ने साफ बताया कि वो डिफेंसिव नहीं, बल्कि अटैकिंग बॉलर हैं। उनकी पूरी रणनीति विकेट लेने के इर्द-गिर्द घूमती है। कोच और कप्तान की ओर से उन्हें हमेशा क्लैरिटी और सपोर्ट मिला है, जिससे उन्हें अपने रोल में कोई भ्रम नहीं रहता।

माइंडसेट

उनका कहना है कि ये अटैकिंग माइंडसेट ही उन्हें हर मैच में बेहतर बनने की प्रेरणा देता है। जब रोल क्लियर हो, तो फोकस और ज्यादा शार्प हो जाता है।

सिराज का आत्मविश्वास

दूसरी तरफ, तेज़ गेंदबाज़ मोहम्मद सिराज का कहना है कि साउथ अफ्रीका जैसी मजबूत टीम के खिलाफ खेलने से उनका आत्मविश्वास और स्किल दोनों बेहतर हुए हैं। सिराज ने बताया कि टॉप बैटर को आउट करने के बाद खुद पर भरोसा बढ़ जाता है।

सिखने का मौका

उन्होंने कहा कि ऐसे मैचों में आपको अपनी गलतियां भी दिखती हैं और खुद को सुधारने का रियल मौका भी मिलता है।

चाय का समय बदला

गुवाहाटी टेस्ट में एक नया नियम देखने को मिलेगा। अब लंच के बाद नहीं, बल्कि लंच से पहले चाय ब्रेक होगा। ये फैसला उत्तर-पूर्व भारत में सूरज जल्दी छिपने की वजह से लिया गया है, ताकि दिन का ज़्यादा से ज़्यादा खेल हो सके।

BCCI का प्रयोग

आमतौर पर ऐसा बदलाव डे-नाइट टेस्ट में होता है, लेकिन BCCI ने इसे डे टेस्ट में भी ट्राय करने का फैसला लिया है। ये टेस्ट टाइमिंग्स में एक नया प्रयोग हो सकता है।

खिलाड़ियों की राय

साउथ अफ्रीका के बल्लेबाज़ एडन मार्करम को ये बदलाव पसंद नहीं आया। उनका मानना है कि टेस्ट क्रिकेट का पारंपरिक टाइमिंग बेहतर है – सुबह शुरुआत, फिर लंच और फिर चाय।

स्पोर्टिव रवैया

हालांकि केशव महाराज ने थोड़ा ज्यादा समझदारी भरा रुख अपनाते हुए कहा कि नियमों का पालन करना टीम की ज़िम्मेदारी है। सूरज की रोशनी एक अहम फैक्टर है, इसलिए ज्यादा से ज्यादा खेल हो सके, तो ठीक है।

कुलदीप यादव की कहानी बताती है कि जब आपके पास क्लियर माइंडसेट हो और फिटनेस पर फोकस हो, तो हर फॉर्मेट में खुद को बनाए रखना मुमकिन है। वहीं, टेस्ट क्रिकेट में नए प्रयोग जैसे ब्रेक टाइम बदलना इस बात का संकेत है कि फॉर्मेट को और बेहतर बनाने की कोशिशें जारी हैं।

FAQs

कुलदीप यादव ने कितने विकेट लिए हैं अब तक?

कुलदीप ने सभी फॉर्मेट में मिलाकर 342 विकेट लिए हैं।

कुलदीप टेस्ट में किस बात पर ध्यान दे रहे हैं?

वो फिटनेस और परफॉर्मेंस बनाए रखने पर फोकस कर रहे हैं।

गुवाहाटी टेस्ट में चाय कब होगी?

इस बार चाय लंच से पहले ली जाएगी।

सिराज ने क्या कहा मजबूत टीम के खिलाफ खेलने पर?

इससे आत्मविश्वास बढ़ता है और गलतियां समझ आती हैं।

मार्करम ने ‘टी-ब्रेक’ बदलाव पर क्या कहा?

उन्होंने कहा, ये दिलचस्प है लेकिन वो इसके पक्ष में नहीं हैं।

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