आर्थर ऐश स्टेडियम, न्यूयॉर्क – यूएस ओपन 2025 के क्वार्टरफाइनल के दौरान फैन्स को तब बड़ा सरप्राइज़ मिला जब महेंद्र सिंह धोनी दर्शकों के बीच दिखाई दिए। वे नोवाक जोकोविच और टेलर फ्रिट्ज़ के बीच मुकाबला देखने पहुंचे, जिसमें जोकोविच ने 6-4, 7-5, 3-6, 6-4 से जीत दर्ज की।
धोनी की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए, लेकिन दूसरी ओर भारत में एक अलग बहस छिड़ गई—इस बार धोनी के नाम के साथ इरफ़ान पठान का पुराना बयान चर्चा में आ गया।
वायरल हुआ ‘हुक्का’ बयान
सोशल मीडिया पर पांच साल पुराना इंटरव्यू फिर से वायरल हो गया, जिसमें इरफ़ान ने कहा था कि:
“मैं उन खिलाड़ियों में से नहीं हूं जो किसी के कमरे में जाकर हुक्का लगाते हैं।”
इस क्लिप को कई लोगों ने धोनी पर तंज समझा और बहस शुरू हो गई कि क्या इरफ़ान को टीम से बाहर करने के पीछे “लॉबी” या निजी समीकरण काम कर रहे थे।
धोनी से हुई बातचीत का ज़िक्र
इसी इंटरव्यू में इरफ़ान ने 2008 की ऑस्ट्रेलिया सीरीज़ का भी ज़िक्र किया, जब मीडिया में आया था कि धोनी उनकी गेंदबाज़ी से खुश नहीं हैं। इरफ़ान ने बताया:
“मैंने खुद माही भाई से जाकर पूछा, उन्होंने साफ कहा कि ऐसा कुछ नहीं है, सब प्लान के मुताबिक चल रहा है।”
इरफ़ान ने दी सफाई
जैसे ही वीडियो वायरल हुआ, इरफ़ान ने X (Twitter) पर लिखा:
“आधा दशक पुराना वीडियो अब गलत संदर्भ के साथ लाया जा रहा है। फैन वॉर? पीआर लॉबी?”
उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका बयान धोनी के खिलाफ नहीं था और न ही किसी व्यक्तिगत हमले के लिए था।
दोस्ती की याद भी ताज़ा
2020 के एक दूसरे इंटरव्यू का वीडियो भी वायरल हुआ जिसमें इरफ़ान ने कहा:
“धोनी, रैना और उथप्पा के बिना मैं खाना नहीं खाता था और वो मेरे बिना नहीं खाते थे।”
इससे यह साफ हुआ कि उनके संबंध निजी स्तर पर सौहार्दपूर्ण रहे हैं, और ड्रेसिंग रूम का माहौल दोस्ताना था।
विवाद और बहस
हालांकि इरफ़ान ने बार-बार इस बात को दोहराया कि वे “खेल से बाहर की चीज़ों से फायदा लेने में विश्वास नहीं रखते,” यह विवाद धोनी के कप्तानी काल की पारदर्शिता पर फिर से सवाल उठा रहा है।
एक ओर जहां धोनी यूएस ओपन में टेनिस का आनंद ले रहे थे, वहीं भारत में उनकी कप्तानी शैली और टीम संस्कृति पर बहस दोबारा शुरू हो गई। यह दिखाता है कि धोनी चाहे रिटायर हो चुके हों, लेकिन उनके इर्द-गिर्द बनी कहानियाँ और यादें आज भी क्रिकेट जगत की धड़कन हैं।