पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के बाजौर जिले में शनिवार को एक स्थानीय क्रिकेट मैच के दौरान ज़बरदस्त IED ब्लास्ट हुआ। इस हादसे में कम से कम एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि कई लोग घायल हुए हैं—इनमें छोटे बच्चे भी शामिल हैं।
कहां हुआ हमला
ये धमाका खार तहसील के कौसर क्रिकेट ग्राउंड में उस वक्त हुआ जब मैदान में एक आम घरेलू क्रिकेट मैच चल रहा था। माहौल बिल्कुल सामान्य था, लेकिन अचानक हुए धमाके ने सब कुछ बदल दिया।
सुनियोजित हमला
बाजौर के डिस्ट्रिक्ट पुलिस ऑफिसर वक़ास रफ़ीक़ ने पुष्टि की कि ये एक IED ब्लास्ट था। उन्होंने इसे एक “सुनियोजित हमला” बताया और कहा कि शुरुआती जांच से लगता है कि हमलावरों ने किसी खास टार्गेट को ध्यान में रखकर प्लानिंग की थी।
मैदान में भगदड़
धमाके के तुरंत बाद मैदान में अफरातफरी मच गई। चश्मदीदों के मुताबिक, खिलाड़ी और दर्शक सभी जान बचाने के लिए भागने लगे। हर तरफ चीख-पुकार और डर का माहौल था।
घायलों का इलाज
घायलों को तुरंत खार के डिस्ट्रिक्ट हेडक्वार्टर हॉस्पिटल ले जाया गया। स्थानीय पुलिस और सुरक्षा बलों ने मौके पर पहुंचकर क्षेत्र को सील कर दिया और जांच शुरू की।
ड्रोन से हमला
इससे पहले भी एक सप्ताह पहले लोई मामुंद तहसील के लाघरी इलाके में पुलिस स्टेशन पर ड्रोन से हमला करने की कोशिश की गई थी। उस घटना में एक पुलिस कांस्टेबल और एक आम नागरिक घायल हुए थे। हालांकि हमलावर अपने मुख्य लक्ष्य तक नहीं पहुंच सके।
किसी ने नहीं ली जिम्मेदारी
इन दोनों घटनाओं की जिम्मेदारी अभी तक किसी संगठन ने नहीं ली है। पुलिस को शक है कि ये हमले “ऑपरेशन सरबक़ाफ़” के जवाब में किए जा सकते हैं, जो हाल ही में आतंकवाद के खिलाफ चलाया गया था।
सुरक्षा और जांच
धमाके के बाद इलाके में सुरक्षा और गश्त बढ़ा दी गई है। पुलिस और जांच एजेंसियां अब इस बात की तलाश में हैं कि ब्लास्ट के पीछे कौन था और क्या ये भविष्य में किसी और बड़ी साजिश का हिस्सा हो सकता है।
क्वेटा में भी हमला
सिर्फ बाजौर ही नहीं, 3 सितंबर को क्वेटा में भी एक रैली के दौरान बम धमाका हुआ था, जिसमें 11 लोगों की जान गई थी। उस हमले में सुसाइड बॉम्बर के शामिल होने का शक जताया गया था।
पाकिस्तान में इस तरह के लगातार हमले न सिर्फ सुरक्षा एजेंसियों के लिए चुनौती हैं, बल्कि आम जनता के मन में डर और असुरक्षा का माहौल भी पैदा कर रहे हैं। क्रिकेट जैसे खेल के दौरान हुए ब्लास्ट ने एक बार फिर दिखा दिया है कि आतंकियों के निशाने पर अब सिर्फ सुरक्षा बल ही नहीं, बल्कि आम लोग और सार्वजनिक कार्यक्रम भी हैं।