रियान पराग ने दलीप ट्रॉफी 2025-26 में ईस्ट ज़ोन की कप्तानी करते हुए मैदान में वापसी की। कंधे की सर्जरी के बाद उनका यह पहला बड़ा टूर्नामेंट था। उन्होंने बताया कि अब उनका फोकस परफॉर्मेंस से ज़्यादा क्रिकेट का आनंद लेने और लगातार गेम टाइम पाने पर है।
चोट और संघर्ष
अक्टूबर 2024 में भारत के लिए आखिरी बार खेलने के बाद पराग को कंधे की चोट लगी थी, जिसके चलते उन्हें सर्जरी करानी पड़ी। रणजी ट्रॉफी 2025 में उन्होंने असम के लिए खेलते हुए वापसी की। इसके बाद IPL 2025 में राजस्थान रॉयल्स के लिए शानदार प्रदर्शन किया, लेकिन चोट ने फिर से चुनौती दी।
दलीप ट्रॉफी में प्रदर्शन
नॉर्थ ज़ोन के खिलाफ मैच में पराग ने 39 रन बनाए और 22 ओवर गेंदबाज़ी की। हालांकि टीम पहली पारी में पिछड़ गई और नॉर्थ ज़ोन सेमीफाइनल में पहुंच गई। पराग ने बताया कि टीम की मुश्किलें भी कम नहीं थीं – मोहम्मद शमी और मुकेश कुमार चोट के चलते मैच से बाहर हो गए, जिससे उन्हें खुद ज़्यादा गेंदबाज़ी करनी पड़ी।
नेतृत्व और सोच
ईस्ट ज़ोन की कप्तानी करते हुए पराग ने स्थिति को समझदारी से संभाला। उन्होंने “बैक टू बेसिक्स” नीति अपनाते हुए कहा कि वे अब सिर्फ अपने खेल को बेहतर बनाने और टीम के लिए योगदान देने पर ध्यान देंगे।
भविष्य की योजना
रियान पराग को एशिया कप के लिए स्टैंडबाय में रखा गया है और वे ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए भी उम्मीद लगाए बैठे हैं। उन्होंने कहा, “अगर इंडिया के लिए नहीं भी खेल सका, तो रणजी और IPL में रन बनाकर वापस ज़रूर आऊंगा।”
रियान पराग की यह वापसी न सिर्फ एक फिटनेस की जीत है, बल्कि मानसिक दृढ़ता और क्रिकेट के प्रति जुनून की भी मिसाल है। उनका खेल के प्रति समर्पण और आगे की सोच उन्हें भारत के भविष्य के स्टार खिलाड़ियों में बनाए रखता है।