एशिया कप 2025 खत्म हो चुका है, लेकिन भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ हाई-वोल्टेज फाइनल अभी भी सुर्खियों में बना हुआ है — और इस बार वजह है खेल भावना को लेकर उठा एक बड़ा सवाल।
गंभीर आरोप
पाकिस्तान के कप्तान सलमान अली आगा ने फाइनल के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत पर सीधा आरोप लगाया कि उन्होंने तीनों मुकाबलों के बाद हाथ न मिलाकर न सिर्फ पाकिस्तान, बल्कि पूरे क्रिकेट का अपमान किया है।
सलमान का बयान
उन्होंने कहा, “भारत का व्यवहार बहुत निराशाजनक रहा। वो सोचते हैं कि हाथ न मिलाकर हमें नीचा दिखा रहे हैं, लेकिन असल में वो क्रिकेट को नीचा दिखा रहे हैं। अच्छी टीमें ऐसा नहीं करतीं।”
तीन मैच, एक ही रवैया
भारत और पाकिस्तान इस टूर्नामेंट में तीन बार आमने-सामने आए — और हर बार मैच खत्म होने के बाद भारतीय खिलाड़ियों ने हाथ नहीं मिलाया।
मैच डिटेल्स:
- ग्रुप स्टेज में भारत ने 7 विकेट से जीता — कोई हैंडशेक नहीं।
- सुपर फोर में भारत ने 6 विकेट से जीता — फिर वही रवैया।
- फाइनल में भारत ने 5 विकेट से बाज़ी मारी — लेकिन हाथ नहीं बढ़ाया।
सूर्या पर सीधा इशारा
सलमान ने खास तौर पर कप्तान सूर्यकुमार यादव का नाम लेते हुए कहा, “शुरुआत में सूर्या ने मुझसे हाथ मिलाया था, प्रेस कॉन्फ्रेंस और रेफरी मीटिंग में। लेकिन जैसे ही कैमरे ऑन हुए, वो पीछे हट गए। शायद उन्हें ऐसा करने को कहा गया था। लेकिन ये खेल की आत्मा के खिलाफ है।”
ट्रॉफी सेरेमनी विवाद
सलमान ने ट्रॉफी को लेकर भी भारत के व्यवहार पर सवाल उठाए। भारतीय टीम ने PCB और ACC के चेयरमैन मोहसिन नकवी से ट्रॉफी लेने से मना कर दिया और टीम का बड़ा हिस्सा ट्रॉफी सेरेमनी में शामिल ही नहीं हुआ।
इस पर सलमान बोले, “अगर कोई ACC का अध्यक्ष है, तो वही ट्रॉफी देगा। भारत ने जो किया वो दिखाता है कि खेल को किस तरह पॉलिटिक्स से खराब किया जा रहा है।”
प्रेस कॉन्फ्रेंस छोड़ने पर सफाई
जब उनसे पूछा गया कि पहले मैच के बाद उन्होंने खुद प्रेस कॉन्फ्रेंस क्यों नहीं की, तो उन्होंने कहा, “शुरुआत किसने की, ये भी देखना चाहिए। हमारा रिएक्शन उसी का हिस्सा था।”
भविष्य की चिंता
सलमान ने इस तरह के रवैये से क्रिकेट के भविष्य पर चिंता जताई। उन्होंने कहा, “अगर बाकी टीमें भी ऐसा करना शुरू कर दें, तो खेल की आत्मा खत्म हो जाएगी। ये टूर्नामेंट इस नजर से बेहद निराशाजनक रहा।”
नाराज़गी का कारण
सलमान की नाराज़गी किसी एक खिलाड़ी से नहीं, बल्कि उस सोच से है जिसमें खेल को भावना से नहीं, भावना के खिलाफ खेला जा रहा है। उनका साफ कहना था कि क्रिकेट को हमेशा खेल की तरह ही देखा जाना चाहिए — चाहे हालात कितने भी मुश्किल क्यों न हों।
सलमान अली आगा का ये बयान ना सिर्फ भारत-पाक संबंधों को क्रिकेट में दर्शाता है, बल्कि ये भी दिखाता है कि कैसे खेल के बाहर की चीज़ें मैदान के माहौल को प्रभावित कर रही हैं। अब देखना ये होगा कि इस पूरे विवाद पर ICC या ACC क्या रुख अपनाते हैं।