दुबई में 18 साल से टैक्सी चला रहे सुनील को आज भी वो दो मौके याद हैं जब उन्होंने संजू सैमसन को एयरपोर्ट छोड़ा था। एक बार अकेले, दूसरी बार भाई सैली के साथ। दोनों का गांव एक ही — विझिंजम, केरल। सुनील कहते हैं, “क्या लड़का है! एकदम जेंटलमैन।”
नई भूमिका, नई चुनौती
इस बार एशिया कप 2025 में संजू की भूमिका बदली है। 30 साल के इस खिलाड़ी को नंबर 5 पर खेलने के लिए भेजा गया है — एक ऐसी जगह जो उनके लिए नई है। ज़्यादातर मौकों पर उन्होंने टॉप ऑर्डर में बैटिंग की है।
अब तक का प्रदर्शन
- ओमान के खिलाफ उन्होंने 45 बॉल पर 56 रन बनाए — थोड़ा धीमा, थोड़ा संभलकर।
- पाकिस्तान के खिलाफ 17 बॉल पर सिर्फ 13 रन — पूरी तरह जूझते दिखे।
- ऐसे में लग रहा है कि वो अभी इस नई जगह को समझने की कोशिश कर रहे हैं।
नंबर गेम
अगर आंकड़ों की बात करें तो मिडिल ऑर्डर में उनका रिकॉर्ड कुछ खास नहीं रहा:
- 23 मैचों में 408 रन
- औसत: 20.40
- स्ट्राइक रेट: 121.8
ये आंकड़े बताते हैं कि अभी तक वो इस रोल में सहज नहीं हो पाए हैं।
कोचिंग स्टाफ का भरोसा
सहायक कोच रयान टेन डोइशेट ने कहा — “संजू को अभी सीखना है कि इस रोल में कैसे खेलना है। लेकिन हमें उन पर पूरा भरोसा है।”
गौतम गंभीर ने तो यहां तक कह दिया — “अगर वो 21 बार भी जीरो पर आउट हों, तब भी मैं उन्हें ड्रॉप नहीं करूंगा।”
सूर्या का वादा
सूर्यकुमार यादव ने संजू को पिछले साल दिलीप ट्रॉफी के दौरान वादा किया था कि उन्हें ओपनिंग के सात मौके मिलेंगे। लेकिन टीम में शुभमन गिल और अभिषेक शर्मा के आने से वो मिडिल ऑर्डर में शिफ्ट हो गए।
‘फ्लेक्सिबल’ सोच
सूर्यकुमार ने पाकिस्तान पर जीत के बाद कहा —
“ओपनर्स के अलावा बाकी बैटर को फ्लेक्सिबल होना होगा। कोई नंबर फिक्स नहीं है।”
इसका मतलब है कि संजू को नंबर 5 या 6 पर खुद को तैयार रखना होगा — भले ही पिच स्लो हो या फास्ट, बॉल नई हो या पुरानी।
अगली परीक्षा – बांग्लादेश
अब अगला मुकाबला है बांग्लादेश के खिलाफ — वही टीम जिसके खिलाफ पिछले साल संजू ने 40 बॉल पर सेंचुरी मारी थी। लेकिन इस बार चैलेंज बड़ा है।
बांग्लादेश के स्पिनर्स मिडिल ओवर्स में दबाव बनाते हैं, और स्पिन के खिलाफ संजू की कमजोरी जगजाहिर है।
कॉम्पिटिशन बढ़ा
जितेश शर्मा जैसे प्लेयर लाइन में हैं, जिन्होंने IPL में RCB के लिए नंबर 5-6 पर कमाल किया है। ऐसे में संजू को न सिर्फ रन बनाने हैं, बल्कि अपनी जगह भी बचानी है।
फैंस की उम्मीद
जब संजू बैटिंग के लिए आते हैं, दुबई स्टेडियम में सबसे तेज़ आवाज़ उन्हीं के नाम की होती है। सुनील जैसे फैंस हर रन के साथ उम्मीदें जोड़ते हैं। लेकिन अब उन्हें भी जवाब मैदान से चाहिए — बल्ले से।
क्या संजू कर पाएंगे कमाल?
नई भूमिका, बढ़ती चुनौती और अंदर-बाहर का दबाव — संजू की अगली पारी सिर्फ एक स्कोर नहीं होगी, बल्कि उनकी मानसिक मजबूती और क्रिकेट समझ की असली परीक्षा होगी।