भारत की 30 रन से शर्मनाक हार के बाद सुनील गावस्कर का गुस्सा फुट पड़ा। भारत को 124 रन का मामूली लक्ष्य भी हासिल नहीं हो पाया और टीम सिर्फ 93 पर ऑलआउट हो गई। कप्तान गिल चोट के चलते बाहर थे, जिससे टीम 10 बल्लेबाज़ों के साथ खेली।
रणजी से दूरी
गावस्कर ने साफ कहा कि खिलाड़ी घरेलू क्रिकेट से दूर हो गए हैं और इसका नुकसान अब टीम को भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने Sports Tak से बातचीत में कहा — “अगर खिलाड़ी रणजी खेलते, तो ऐसी पिचों पर खेलने की आदत होती।”
वर्कलोड या बहाना?
गावस्कर ने वर्कलोड मैनेजमेंट पर भी निशाना साधा। उनका कहना है कि खिलाड़ी रणजी तभी खेलते हैं जब वो फॉर्म से बाहर होते हैं, वरना इसे नजरअंदाज करते हैं। “वर्कलोड अब बस एक बहाना बन गया है,” उन्होंने कहा।
चयन पर सवाल
गावस्कर ने चयनकर्ताओं से अपील की कि उन्हें ऐसे खिलाड़ियों को मौका देना चाहिए जो घरेलू क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं — ना कि सिर्फ उन पर भरोसा करें जो IPL या इंटरनेशनल क्रिकेट के आसपास हैं।
पिच पर असहज
124 जैसे आसान लक्ष्य को चूकना इस बात का संकेत है कि अब भारतीय बल्लेबाज़ घरेलू टर्निंग पिचों पर भी सहज नहीं हैं। गावस्कर का तर्क है कि बिना घरेलू अनुभव के ऐसे हालात में कोई भी टीम फेल हो सकती है।
कोलकाता टेस्ट रिपोर्ट
दूसरी पारी में भारत सिर्फ 93 रन पर सिमट गया और दक्षिण अफ्रीका ने मैच 30 रन से जीत लिया। शुभमन गिल की गैरमौजूदगी टीम के लिए बड़ा झटका रही।
अब आगे क्या?
भारत को अब 22 नवंबर से गुवाहाटी में दूसरा टेस्ट खेलना है, जिसे हर हाल में जीतना होगा। गिल की फिटनेस को लेकर अब भी संशय है, और प्लेइंग इलेवन में बदलाव लगभग तय हैं।
बड़ा सवाल
गावस्कर की बातों ने एक अहम मुद्दा उठाया है — क्या भारतीय खिलाड़ी घरेलू क्रिकेट को नजरअंदाज कर रहे हैं? और क्या अब चयन की प्राथमिकता बदले जाने की जरूरत है?
FAQs
सुनील गावस्कर ने किस मुद्दे पर आलोचना की?
भारतीय बल्लेबाज़ों की रणजी ट्रॉफी से दूरी पर।
गावस्कर ने ‘वर्कलोड’ को क्या कहा?
केवल एक बहाना, जिससे खिलाड़ी रणजी नहीं खेलते।
भारत पहला टेस्ट कितना हार गया?
30 रन से, 124 रन का लक्ष्य नहीं चेस कर सका।
क्या गिल पूरे मैच में खेले थे?
नहीं, उन्हें गर्दन में अकड़न के कारण बाहर होना पड़ा।
गावस्कर ने टीम चयन को लेकर क्या कहा?
रणजी खेलने वाले खिलाड़ियों को प्राथमिकता देनी चाहिए।









