Women’s World Cup 2025 सेमीफाइनल में जब Jemimah Rodrigues ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 127* रन की पारी खेली, तो मैदान पर सिर्फ उनका बल्ला नहीं बोला — उनकी जज़्बाती कहानी भी हर किसी को महसूस हुई।
हर दिन रोती थी
Jemimah ने मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि tournament की शुरुआत में वो anxiety से जूझ रही थीं।
“मैं numb महसूस करती थी… कई बार गेम से पहले मां को कॉल करती थी — बस रोने के लिए।”
टीम से मिली ताकत
उनकी ताकत बनीं teammates:
- Arundhati Reddy – “हर दिन उसके सामने रोई।”
- Smriti Mandhana – “नेट्स में बस खड़ी रहती थी ताकि मैं टूट न जाऊं।”
- Radha Yadav – “जैसे परिवार साथ हो।”
ड्रॉप होना, फिर वापसी
शुरुआती चार पारियों में स्कोर: 0, 32, 0, 33
इंग्लैंड के खिलाफ उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया। लेकिन फिर New Zealand के खिलाफ 76 रन* बनाकर उन्होंने वापसी की रफ्तार पकड़ी।
थक गई थी, फिर भी रुकी नहीं
सेमीफाइनल के दौरान जब energy खत्म हो रही थी, Jemimah घुटनों पर बैठकर खुद से बात कर रही थीं:
“मैं खुद से कह रही थी – बस शांत रहो। भगवान मेरी लड़ाई लड़ेगा।”
मैं ये मैच खत्म करूंगी
मैच से एक दिन पहले टीम मीटिंग में Jemimah ने कहा था:
“मैं बस अंत तक टिकना चाहती हूं। रन दौड़ने में तेज हूं, gap ढूंढ सकती हूं। बस टिकना है।”
और वो 9वीं गेंद पर क्रीज़ पर आईं — और अंत तक रहीं।
हरमन के आउट होने पर मिली clarity
हरमनप्रीत कौर के आउट होने पर Jemimah थकी हुई थीं, लेकिन खुद से कहा:
“अब मेरी बारी है। अब मैं उसके लिए खेलूंगी।”
जब टीम के लिए खेलते है
“मैंने कभी शतक के लिए नहीं खेला। मेरा मकसद सिर्फ एक था — India को जिताना।
जब आप टीम के लिए खेलते हैं, तो भगवान भी आपके साथ होता है।”
Jemimah Rodrigues की इस सेंचुरी के पीछे सिर्फ बैटिंग क्लास नहीं, mental toughness, vulnerability और दिल की ताकत छुपी थी। उनकी कहानी हर उस इंसान के लिए है जो किसी भी तरह के मानसिक संघर्ष से लड़ रहा है — और जीतना चाहता है।
FAQs
जेमिमा ने anxiety के बारे में कब बताया?
सेमीफाइनल जीत के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में।
सेमीफाइनल में जेमिमा ने कितने रन बनाए?
नाबाद 127 रन (134 गेंदों में)।
उन्हें कब टीम से ड्रॉप किया गया था?
इंग्लैंड के खिलाफ लीग मैच से पहले।
जेमिमा ने किसे अपनी सबसे बड़ी मदद बताया?
मां, अरुंधति रेड्डी, स्मृति और राधा यादव।
जेमिमा के मुताबिक जीत का मंत्र क्या था?
बस टिके रहना और टीम के लिए खेलना।









