भारत-पाकिस्तान मुकाबले में भावनाएं हमेशा उफान पर रहती हैं, लेकिन इस बार मामला सिर्फ हार-जीत तक नहीं रुका। मैच के बाद हाथ मिलाने से शुरू हुआ विवाद अब नस्लीय बयान, अंतरराष्ट्रीय शिकायतों और टूर्नामेंट छोड़ने की धमकी तक पहुंच चुका है।
यूसुफ की सफाई
पूर्व पाक कप्तान मोहम्मद यूसुफ ने सूर्यकुमार यादव को लेकर दिए गए अपने बयान पर सफाई दी है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि उनका इरादा किसी खिलाड़ी का अपमान करने का नहीं था। उन्होंने कहा कि अगर इरफान पठान की अफरीदी पर की गई टिप्पणी को नजरअंदाज किया गया, तो उनके बयान पर इतना बवाल क्यों?
विवाद की जड़
दरअसल, यूसुफ ने एक टीवी शो में सूर्यकुमार यादव को “Suarkumar” कह दिया था, जिसे नस्लीय और अपमानजनक माना गया। साथ ही उन्होंने भारत पर अंपायरों को प्रभावित करने का आरोप भी लगाया। यहीं से मामला गरमाने लगा।
हाथ मिलाने की अनबन
भारत ने पाकिस्तान को 7 विकेट से हराया, लेकिन मैच के बाद हाथ मिलाने की परंपरा नहीं निभाई गई। इसके बाद पाक खिलाड़ी पोस्ट-मैच सेरेमनी में भी शामिल नहीं हुए। PCB का दावा है कि मैच रेफरी एंडी पाइक्रॉफ्ट ने पाक कप्तान को हाथ न मिलाने की सलाह दी थी।
ICC का जवाब
PCB ने ICC से पाइक्रॉफ्ट को हटाने की मांग की, लेकिन ICC ने यह मांग साफ ठुकरा दी। PCB ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांग नहीं मानी गई, तो वे टूर्नामेंट से हटने पर भी विचार कर सकते हैं।
प्रेस से दूरी
विवाद के चलते पाकिस्तान टीम ने मंगलवार की अपनी प्री-मैच प्रेस कॉन्फ्रेंस रद्द कर दी। टीम मैनेजमेंट के मुताबिक, इसका मकसद मीडिया के तीखे सवालों से बचना था, खासकर टूर्नामेंट से हटने की धमकी को लेकर।
बड़ा नुकसान
अगर PCB टूर्नामेंट से बाहर होता है, तो उसे लगभग $16 मिलियन यानी ₹130 करोड़ का नुकसान हो सकता है। यह रकम एशियन क्रिकेट काउंसिल की रेवेन्यू शेयरिंग से आती है, इसलिए इस धमकी को गंभीरता से लिया जा रहा है।
आंतरिक गड़बड़ी
विवाद की एक अहम वजह यह भी निकली कि PCB के क्रिकेट ऑपरेशंस डायरेक्टर उस्मान वल्हा ने कप्तान को टूर्नामेंट के जरूरी नियमों की जानकारी नहीं दी थी। नतीजा – टीम शीट का आदान-प्रदान नहीं हुआ और हाथ मिलाने की प्रक्रिया भी गड़बड़ा गई।
कड़ी कार्रवाई
PCB और ACC के चेयरमैन मोहसिन नक़वी ने इस चूक को बेहद गंभीर माना और उस्मान वल्हा को पद से हटा दिया। उनका मानना है कि यह घटना सिर्फ ऑन-फील्ड नहीं, बल्कि एक एडमिनिस्ट्रेटिव फेलियर थी।
राजनीति बनाम खेल
भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट हमेशा भावना, राजनीति और प्रतिस्पर्धा का मिक्स रहा है। लेकिन इस बार मामला एक मज़बूत बयान से आगे निकलकर नस्लीय टिप्पणी, टूर्नामेंट से हटने की धमकी और बोर्ड लेवल की गड़बड़ियों तक जा पहुंचा है।
नतीजा क्या निकलेगा?
अब सबकी नजरें इस पर हैं कि ICC और ACC इस पूरे विवाद को कैसे संभालते हैं। साथ ही यह भी देखना होगा कि PCB अपने फैसले पर अड़ा रहता है या क्रिकेट को राजनीति से अलग रखकर टूर्नामेंट जारी रखता है।