Virat Kohli और Rohit Sharma की विजय हजारे ट्रॉफी में मौजूदगी ने घरेलू क्रिकेट को एक अलग ही रंग दे दिया है। IPL की चमक-दमक से दूर यह टूर्नामेंट भले ही शांत लगता हो, लेकिन भारतीय व्हाइट-बॉल क्रिकेट की रीढ़ यही प्रतियोगिता है।
बड़ा सवाल
इन दोनों सुपरस्टार्स को मैदान पर देखकर एक सवाल हर किसी के मन में आता है कि आखिर उन्हें यहां खेलने के लिए कितनी सैलरी मिलती होगी। जवाब सुनकर ज्यादातर लोग चौंक जाते हैं, क्योंकि यह रकम IPL के मुकाबले बेहद कम है।
IPL से फर्क
IPL में विराट और रोहित करोड़ों रुपये कमाते हैं, जहां उनकी ब्रांड वैल्यू और अनुभव की कीमत लगती है। लेकिन विजय हजारे ट्रॉफी में किसी स्टार सिस्टम या नीलामी का कोई रोल नहीं होता। यहां भुगतान एक तय घरेलू ढांचे के तहत होता है, जो पूरी तरह मैच अनुभव पर आधारित है।
फिक्स सिस्टम
2025-26 सीजन में विजय हजारे ट्रॉफी में खिलाड़ियों की सैलरी उनके List A अनुभव से तय होती है। जिन खिलाड़ियों ने 40 से ज्यादा List A मैच खेले हैं, उन्हें Playing XI में शामिल होने पर प्रति मैच 60 हजार रुपये मिलते हैं। रिज़र्व खिलाड़ी रहने पर यह रकम 30 हजार रुपये होती है।
विराट और रोहित
विराट कोहली और रोहित शर्मा दोनों ही 40 से ज्यादा List A मैच खेल चुके हैं। इसलिए दिल्ली और मुंबई के लिए खेलते हुए उन्हें भी हर मैच के लिए 60 हजार रुपये ही मिलते हैं। यानी घरेलू क्रिकेट में उनकी कमाई बिल्कुल एक सामान्य सीनियर खिलाड़ी के बराबर है।
BCCI तुलना
अगर इसे BCCI की इंटरनेशनल मैच फीस से तुलना करें तो फर्क साफ दिखता है। भारत के लिए एक वनडे खेलने पर इन खिलाड़ियों को करीब 6 लाख रुपये मिलते हैं, जबकि विजय हजारे ट्रॉफी में मिलने वाली रकम उसका सिर्फ एक छोटा सा हिस्सा है। फिर भी घरेलू क्रिकेट में कोई अलग नियम नहीं बनाया जाता।
अतिरिक्त कमाई
मैच फीस के अलावा खिलाड़ियों को डेली अलाउंस मिलता है, जिसमें यात्रा, होटल और खाने का खर्च शामिल होता है। अगर कोई खिलाड़ी मैन ऑफ द मैच बनता है तो उसे अलग से कैश इनाम भी मिलता है। नॉकआउट या फाइनल तक पहुंचने पर टीम को मिलने वाली प्राइज मनी में भी खिलाड़ियों का हिस्सा होता है।
पैसे से आगे
विराट और रोहित जैसे खिलाड़ी विजय हजारे ट्रॉफी सिर्फ पैसों के लिए नहीं खेलते। यह उनके लिए फॉर्म में रहने, युवा खिलाड़ियों के साथ समय बिताने और घरेलू क्रिकेट को मजबूत करने का जरिया है। उनकी मौजूदगी से ड्रेसिंग रूम का माहौल बदल जाता है और युवा खिलाड़ियों को सीखने का सीधा मौका मिलता है।
जब इतने बड़े नाम घरेलू टूर्नामेंट में उतरते हैं, तो उसका असर सिर्फ स्कोरबोर्ड तक सीमित नहीं रहता। फैंस का उत्साह बढ़ता है, स्टेडियम में रौनक आती है और घरेलू क्रिकेट को वो सम्मान मिलता है, जो अक्सर IPL की चमक में दब जाता है। यही वजह है कि कम सैलरी के बावजूद विराट और रोहित की यह वापसी भारतीय क्रिकेट के लिए बेहद अहम मानी जा रही है।
FAQs
कोहली-रोहित को हर मैच के लिए कितनी सैलरी मिलती है?
₹60,000 प्रति मैच, सीनियर कैटेगरी में।
IPL में कोहली की तुलना में ये सैलरी कैसी है?
IPL में करोड़ों, विजय हजारे में ₹60,000।
मैन ऑफ द मैच की इनामी राशि कितनी है?
₹10,000 नकद इनाम।
सैलरी किस आधार पर तय होती है?
List A मैचों की संख्या के आधार पर।
क्या खिलाड़ियों को डेली अलाउंस मिलता है?
हाँ, यात्रा, खाना और होटल के लिए।









