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डैडी हंड्रेड्स की आदत – यशस्वी जायसवाल की बेमिसाल पारी के पीछे की कहानी

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Yashasvi Jaiswal

जब यशस्वी जायसवाल ने वेस्टइंडीज़ के खिलाफ दूसरे टेस्ट में 175 रन ठोके, तो खुद ब्रायन लारा उनके पास जाकर गले मिले और हंसते हुए बोले, “हमारे गेंदबाज़ों की इतनी पिटाई मत करो!” ये मजाक भले हल्का था, लेकिन उस पल में छिपा था एक बड़ा सम्मान — एक महान बल्लेबाज़ की तरफ़ से एक उभरते सितारे के लिए सराहना।

रिकॉर्ड तोड़ आंकड़े

जायसवाल की यह पारी सिर्फ एक शतक नहीं थी, बल्कि उनकी “डैडी हंड्रेड्स” की आदत का नया उदाहरण थी। यह उनके करियर की पांचवीं 150+ पारी थी — वो भी 24 साल की उम्र से पहले। ऐसा करने वाले उनसे बेहतर रिकॉर्ड सिर्फ डॉन ब्रैडमैन के नाम है।
उनकी 50+ स्कोर को शतक में बदलने की दर यानी कन्वर्ज़न रेट लगभग 39.6% है, जो सचिन तेंदुलकर, रिकी पोंटिंग, ब्रायन लारा और विराट कोहली से भी बेहतर है जब वो उसी उम्र में थे।

मुंबई की ‘खड़ूस’ मानसिकता

जायसवाल की कहानी सिर्फ क्रिकेट की नहीं, बल्कि संघर्ष की भी है। झोपड़ी में रहना, दादर स्टेशन पर पानीपुरी बेचना, और मुंबई की सख्त क्रिकेट संस्कृति में जगह बनाना — यह सब उनकी भूख और जज़्बे का सबूत है।

उनके मेंटर ज़ुबिन भरूचा बताते हैं, “वो हर शॉट को परफेक्ट करने के लिए दिन-रात मेहनत करता है। एक बार रिवर्स स्वीप सीखने के लिए उसने दिन में 300 बार वो शॉट प्रैक्टिस किया और रात 2 बजे तक नेट्स में रुका रहा।”

नेट सेशन का जुनून

भरूचा के मुताबिक, जायसवाल ने एक बार 150 किमी/घंटा की स्पीड वाले नेट बॉलर को बुलाया ताकि वो जॉफ्रा आर्चर जैसी गति का सामना करने की प्रैक्टिस कर सकें। “उस नेट सेशन में चोट लगने का पूरा खतरा था, लेकिन उसने एक बार भी पीछे मुड़कर नहीं देखा।”

तकनीकी स्पष्टता

श्रीलंका के बल्लेबाज़ी कोच जूलियन वुड ने जायसवाल की तुलना अभिषेक शर्मा से करते हुए कहा, “जायसवाल गेंदबाज़ को गलती की गुंजाइश नहीं देते। लेग स्टंप के पास डालेंगे, तो फ्लिक कर देंगे। उनकी फील्ड मैपिंग और शॉट सिलेक्शन उन्हें बाकी बल्लेबाज़ों से अलग बनाती है।”

सीनियर खिलाड़ियों की तारीफ

पूर्व भारतीय क्रिकेटर प्रवीण आमरे और वसीम जाफर ने भी जायसवाल की जमकर तारीफ की। आमरे के मुताबिक, “एक लेफ्ट-हैंड ओपनर टीम बैलेंस के लिए बहुत फायदेमंद होता है।” वहीं जाफर बोले, “अगर वो नॉट आउट रहते, तो शायद ट्रिपल सेंचुरी बना लेते। मुश्किल वक्त में भी वो रनों का रास्ता ढूंढ लेते हैं।”

सीखने की भूख

ज़ुबिन भरूचा कहते हैं कि जायसवाल सिर्फ मेहनती नहीं, बल्कि बहुत ध्यान देने वाला खिलाड़ी है। “हर नेट सेशन के बाद वो अपनी गेंदों की समीक्षा करता है, गलतियों पर बात करता है और खुद पूछता है कि अगले दौरे से पहले क्या सुधार कर सकता है।”

तेंदुलकर से प्रेरणा

जायसवाल हमेशा से सचिन तेंदुलकर को अपना आदर्श मानते हैं। मुंबई अंडर-19 टीम के कोच सतीश सामंत बताते हैं, “वो अंडर-16 से सीधे अंडर-19 टीम में प्रमोट हुआ था। मैंने उसे एक मैच में स्लॉग स्वीप न खेलने को कहा, और उसने पूरे दिन वो शॉट नहीं खेला। वह सुनता है, सीखता है और लागू करता है।”

भविष्य उज्जवल

सिर्फ 23 साल की उम्र में यशस्वी जायसवाल ने जो हासिल किया है, वो कई दिग्गजों को पीछे छोड़ देता है। लेकिन उनकी सबसे बड़ी ताकत यह है कि वो अब भी भूखे हैं — रनों के लिए, सीखने के लिए, और टीम के लिए।

जैसा कि सुनील गावस्कर ने कहा था, “यशस्वी, डैडी हंड्रेड्स बनाते रहो — क्योंकि तुम्हारा असली सफर तो अब शुरू हुआ है।”

FAQs

जायसवाल ने कितनी बार 150+ स्कोर बनाए?

अब तक 5 बार, 24 की उम्र से पहले।

डॉन ब्रैडमैन से कैसे तुलना हो रही है?

उन्हीं से ज्यादा 150+ स्कोर 24 से पहले हैं।

जायसवाल का कन्वर्जन रेट कितना है?

लगभग 39.6%, कई दिग्गजों से बेहतर।

जायसवाल के मेंटर कौन हैं?

ज़ुबिन भरूचा उनके मेंटर हैं।

जायसवाल का आदर्श कौन है?

सचिन तेंदुलकर को वह फॉलो करते हैं।

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