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भारतीय कप्तान के रुप में सौरव गांगुली ने बनाए थे ये 5 रिकॉर्ड

सौरव गांगुली को भारतीय टीम के सर्वश्रेष्ठ कप्तानों में गिना जाता है। गांगुली ने टीम इंडिया की सफलता में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। गांगुली की कप्तानी में 2003 के विश्वकप में भारत ने फाइनल तक का सफर तय किया।

सौरव गांगुली ने भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों को कुछ यादें दी है जिनको हमेशा याद रखा जाएगा। गांगुली ने कुल 113 टेस्ट मैच खेले हैं जिसमे उन्होंने ने 42.17 की औसत से 7212 रन बनाए। इसमें 16 शतक और 35 अर्धशतक शामिल हैं।

टेस्ट क्रिकेट में गांगुली का सर्वाधिक स्कोर 239 है। यदि बात करें एकदिवसीय क्रिकेट की, तो पूर्व भारतीय कप्तान ने 311 मैचों में 41 की औसत से 11363 रन बनाए, जिसमें 22 शतक और 72 अर्धशतक शामिल हैं।

आइये एक नज़र डालते हैं सौरव गांगुली की कप्तानी में बने रिकॉर्डस पर।

5. सौरव गांगुली पाकिस्तान में टेस्ट सीरीज जीतने वाले एकमात्र भारतीय कप्तान हैं

50 वर्षों से अधिक समय तक चलने वाली प्रतिद्वंद्विता के बाद भारत ने सौरव गांगुली की कप्तानी में पाकिस्तान में अपनी पहली और एकमात्र श्रृंखला जीती। भारत ने ये जीत तब हासिल की जब उन्होंने वर्ष  2003/04 के सीज़न में रावलपिंडी में एक पारी और 131 रनों से श्रृंखला का अंतिम टेस्ट जीता।

यह सीरीज जीत कई मायनों में महत्वपूर्ण थी। एक दशक से अधिक समय के बाद ये भारत ने पहली विदेशी टेस्ट श्रृंखला अपने नाम की थी। इसके साथ ही गांगुली 15 टेस्ट जीत कर सबसे सफल भारतीय कप्तान बने थे। इसी जीत के साथ उन्होंने मोहम्मद अजहरुद्दीन के 14 जीत के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ा।

4. फॉलो-ऑन के लिए मजबूर होने के बाद जीत दर्ज की

144 साल पुराने टेस्ट क्रिकेट इतिहास में, केवल तीन टीमों ने फॉलो-ऑन के लिए मजबूर होने के बाद मैच जीता है।  केवल एक बार भारत ऐसा करने में कामयाब रहा है। ये कारनामा ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कोलकाता में सौरव गांगुली की कप्तानी में हुआ था।

ऑस्ट्रेलिया उस समय दुनिया की नंबर 1 रैंक वाली टेस्ट टीम थी। ऑस्ट्रेलिया लगातार 16 टेस्ट में जीत चुकी थी। उनके इस लगातार जीत के क्रम पर विराम सौरव गांगुली की नेतृत्व वाली भारतीय टीम ने लगाया। इस मैच में द्रविड़ और लक्ष्मण ने अहम योगदान निभाया।

3. गांगुली की कप्तानी में भारत ने उस समय अपनी सबसे बड़ी चेज की

2002 में लॉर्ड्स की बालकनी से सौरव गांगुली के सबसे प्रसिद्ध शर्ट लहराकर मनाए गए जश्न को कोई भी भारतीय क्रिकेट प्रशंसक शायद कभी नहीं भूल पाएगा। भारत ने इंग्लैंड द्वारा दिये 325 रनों के विशाल स्कोर का सफलतापूर्वक पीछा किया।

यह उस समय एक वनडे में भारत का सबसे सफल रन चेज होने के साथ ही दूसरा सर्वाधिक स्कोर भी था। भारत को इस रिकॉर्ड को तोड़ने में लगभग 10 साल लगे, जब विराट कोहली की 183 रनों की शानदार पारी के दम पर भारत ने 2012 के एशिया कप में पाकिस्तान द्वारा दिये गए 329 रनों का सफलतापूर्वक पीछा किया।

गांगुली ने लॉर्ड्स के मैच में 43 गेंदों में 60 रनों की ताबड़तोड़ पारी खेली जिसमे 10 चौके और एक छक्का शामिल था। बाद में कैफ और युवी ने भारत को लक्ष्य तक पहुंचा दिया। इससे पहले भारत लगातार नौ फाइनल हार चुका था।

2. गांगुली एक ही विश्व कप में तीन शतक बनाने वाले एकमात्र कप्तान हैं

आईसीसी क्रिकेट विश्व कप 2003 में भारत ने फाइनल तक का सफर तय किया था। उस संस्करण में टीम इंडिया का शानदार प्रदर्शन था लेकिन फाइनल में ऑस्ट्रेलिया द्वारा करारी हार का सामना करना पड़ा था।

2003 के पूरे विश्वकप में सौरव गांगुली ने बल्ले से शानदार प्रदर्शन किया था। गांगुली एक ही विश्व कप में तीन शतक बनाने वाले एकमात्र भारतीय कप्तान हैं। उन्होंने 2003 के विश्वकप में नामीबिया के खिलाफ 112* और केन्या के खिलाफ 107* और 111* का स्कोर बनाया था।

1. चैंपियंस ट्रॉफी में एक से अधिक शतक लगाने वाले गांगुली इकलौते कप्तान हैं

चैंपियंस ट्रॉफी के कुल आठ संस्करणों में, पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली के अलावा किसी भी कप्तान ने एक से अधिक शतक नहीं बनाया है। पूर्व भारतीय कप्तान ने  चैंपियंस ट्रॉफी में तीन शतक बनाए हैं।

2000 चैंपियंस ट्रॉफी में सौरव गांगुली ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ शानदार 141 रनों की शानदार पारी खेली।  कुछ दिनों बाद उन्होंने फाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ एक और शतक बनाया। इस पारी में उन्होंने 117 रन बनाए। हालाँकि, न्यूज़ीलैंड ने ये मैच दो गेंद शेष रहते हुए जीत लिया था।

2002 के संस्करण में, सौरव गांगुली ने इंग्लैंड के खिलाफ नाबाद 117 रन बनाए, जिससे भारत को नॉकआउट के लिए क्वालीफाई करने में मदद मिली। फाइनल और रिजर्व डे पर हुई बारिश के बाद भारत और श्रीलंका को टूर्नामेंट का संयुक्त विजेता घोषित किया गया।