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बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने बताया कि धोनी को क्यों टी20 विश्व कप के लिए टीम इंडिया का मेंटर चुना गया है

गांगुली का मेंटर के रूप में धोनी के जुड़ने पर बड़ा बयान : जबसे टी20 विश्व कप के लिए भारत की 15 सदस्यीय टीम की घोषणा हुई है तब से रविचंद्रन अश्विन की अंतरराष्ट्रीय टी20 क्रिकेट में वापसी और शिखर धवन व युजवेंद्र चहल का टीम में ना होना एक चर्चा का विषय बना हुआ है।

हालाँकि वर्तमान समय में चर्चा का सबसे अहम विषय ये है कि पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी मेंटर के रुप में टीम इंडिया के साथ जुड़ेंगे। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद ये उनकी राष्ट्रीय टीम के साथ किसी भी तरह से पहली भागीदारी है।

धोनी ने अपना अंतिम अंतरराष्ट्रीय मैच वर्ष 2019 में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेला था जो विश्वकप का सेमीफाइनल मैच था। पिछले कुछ दिनों से, प्रशंसक और क्रिकेट के विशेषज्ञ इस कदम के पीछे बीसीसीआई के तर्क के बारे में सोच रहें है।

आखिरकार, बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने ये खुलासा किया है कि धोनी को टीम का मेंटर बनाने का निर्णय क्यों लिया गया।

गांगुली ने द टेलीग्राफ से धोनी केे बारेे मेंं बात करते हुए कहा कि

“यह कदम सिर्फ विश्व कप में टीम की मदद करने के लिए उठाया गया है। भारत और चेन्नई सुपर किंग्स के लिए टी20 प्रारूप में धोनी का अच्छा रिकॉर्ड है। इसके पीछे बहुत कुछ सोचा गया है। हमने बहुत चर्चा की और फिर उन्हें मेंटर के रुप में शामिल करने का फैसला किया। टीम इंडिया ने  2013 से आईसीसी ट्रॉफी नहीं जीती है।

 

भारत ने आखिरी आईसीसी ट्रॉफी वर्ष 2013 में धोनी की कप्तानी में जीती थी। भारत 2013 की चैंपियंस ट्रॉफी का विजेता था और फाइनल में इंग्लैंड को उन्ही के घर पर मात देकर टीम इंडिया ने ट्रॉफी अपने नाम की थी।

धोनी तीनों आईसीसी ट्रॉफी जीतने वाले दुनिया के पहले कप्तान हैं। उनकी कप्तानी में टीम इंडिया ने वर्ष 2007 का टी20 विश्व कप, वर्ष 2011 का विश्व कप और साल 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी अपने नाम की थी।

जिस तरह धोनी टीम इंडिया के साथ टी20 विश्व कप के लिए जुड़ेंगे उसी प्रकार वर्ष 2019 के एशेज के दौरान स्टीव वॉ भी ऑस्ट्रेलिया के साथ जुड़े थे। गांगुली ने कहा कि धोनी का क्रिकेट ज्ञान और अनुभव अवश्य ही टीम की मदद करेगा।

बीसीसीआई प्रमुख ने कहा, “याद रखें कि ऑस्ट्रेलिया के स्टीव वॉ की भी इसी तरह की भूमिका निभाई थी, जब उन्होंने पिछली बार इंग्लैंड में एशेज 2-2 से ड्रॉ किया था। बड़े टूर्नामेंट में इस तरह के दिग्गजों की उपस्थिति हमेशा ही टीम की मदद करती है।”