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सौरव गांगुली की कप्तानी की तारीफ करते हुए सचिन तेंदुलकर ने कही ये बात

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मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने अपने पूर्व साथी सौरव गांगुली और भारत के कप्तान के रूप में उनकी तारीफ की है।

उन्होंने कहा कि गांगुली जानते थे कि खिलाड़ियों को आजादी देने और उन्हें कुछ जिम्मेदारियां देने के बीच संतुलन कैसे बनाए रखना है।बीसीसीआई अध्यक्ष गांगुली ने 2000 से 2005 तक भारत की कप्तानी की।

तेंदुलकर ने गांगुली को एक महान कप्तान कहा, जिन्होंने भारतीय क्रिकेट के बदलाव के दौर में पदभार संभाला था और खिलाड़ियों के अगले ग्रुप को अपने करियर की शुरुआत में समर्थन किया था।

2000 में तेंदुलकर के पद से हटने के बाद गांगुली ने भारत की कप्तानी संभाली।

तेंदुलकर ने इंडिया टुडे के हवाले से कहा, “सौरव एक महान कप्तान थे। वह जानते थे कि खिलाड़ियों को आजादी देने और उन्हें कुछ जिम्मेदारियां देने के बीच संतुलन कैसे बनाए रखना है।

नए खिलाड़ियों को मिली खुद को प्रकट करने की आजादी: सचिन तेंदुलकर

सचिन ने कहा, “जब उन्होंने कप्तानी का जिम्मा संभाला, तब भारतीय क्रिकेट बदलाव के दौर में था। हमें खिलाड़ियों के अगले ग्रुप की जरूरत थी जो भारत को आगे बढ़ाने के लिए एक मंच तैयार कर सके।

उस समय, हमें वीरेंद्र सहवाग, युवराज सिंह, जहीर खान, हरभजन सिंह, आशीष नेहरा जैसे टॉप क्लास के खिलाड़ी मिले।”

ये सभी खिलाड़ी बाद में 2003 वर्ल्ड कप में भी गांगुली की कप्तानी में खेले और टूर्नामेंट के फाइनल में जगह बनाई। फाइनल मैच में भारत को ऑस्ट्रेलिया के हाथों हार का सामना करना पड़ा था।

पूर्व क्रिकेटर ने कहा, “वे प्रतिभाशाली खिलाड़ी थे, लेकिन प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को भी अपने करियर की शुरुआत में समर्थन की आवश्यकता होती है, जो सौरव गांगुली ने उन्हें दी है।

वहीं टीम में उनकी भूमिकाओं के बारे में बताया गया था। खिलाड़ियों को खुद को व्यक्त करने के लिए आजादी भी मिली।”

गांगुली की कप्तानी में, भारत ने 2000 में फाइनल आईसीसी नॉकआउट ट्रॉफी और 2003 में विश्व कप के लिए क्वालीफाई किया। 2002 में नेटवेस्ट सीरीज जीती और 2002 में आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के संयुक्त विजेता बने।

2001 में, भारत ने स्टीव वॉ की कप्तानी वाली ऑस्ट्रेलिया टीम के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज जीती। इस जीत के साथ ही भारत ने ऑस्ट्रेलियाई टीम की 16 मैचों में मिली लगातार जीत के रिकॉर्ड को तोड़ा।

सौरव गांगुली के नाम इंटरनेशनल क्रिकेट में दर्ज है 18000 से ज्यादा रन

दादा के टेस्ट करियर की बात करें तो उन्होंने भारत को 113 मैच में रिप्रेजेंट करते हुए 42.17 की औसत के साथ 7212 रन बनाये है। इस दौरान उनके बल्ले से 16 शतक और 35 अर्धशतक देखने को मिले है।

गांगुली ने भारत के लिए 311 वनडे मैच खेले है और 41.02 की औसत के साथ 11363 रन बनाये है। दादा के नाम वनडे में 22 शतक और 72 अर्धशतक दर्ज है।

दादा ने गेंदबाजी करते हुए टेस्ट में 32 और वनडे में 100 बल्लेबाजों को पवेलियन की राह दिखाने में सफलता पायी है।

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