क्रिकेट के भगवान माने जाने वाले पूर्व भारतीय बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने अपनी अद्भुत बल्लेबाजी से वर्षों तक क्रिकेट जगत में राज किया। इस बल्लेबाजी ने अपनी असाधारण बल्लेबाजी दुनिया भर के टॉप गेंदबाजों के सामने अपना दबदबा बनाये रखा।
सचिन तेंदुलकर ने अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर की शुरुआत बहुत ही कम उम्र में 1989 में पाकिस्तान के खिलाफ की थी। उस समय शायद ही किसी को अंदाजा होगा कि यह युवा खिलाड़ी आगे चलकर क्रिकेट का सबसे बड़ा आइकॉन बन जाएगा।
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सचिन तेंदुलकर ने अपने करियर में क्रिकेट के टेस्ट और वनडे दोनों ही प्रारूपों में उन्होंने सर्वाधिक रन बनाने के मामले में कामयाबी हासिल की है। बात की जाये इस दिग्गज बल्लेबाज के टेस्ट करियर की तो इन्होंने 200 टेस्ट मैचों में 53.78 की बेहतरीन औसत से 15921 रन बनाये हैं।
टेस्ट प्रारूप में सचिन तेंदुलकर के नाम 51 शतक और 68 अर्धशतक दर्ज हैं। इस दिग्गज ने अपना आखिरी टेस्ट मैच 2013 में वेस्टइंडीज के खिलाफ खेला था और उसके बाद क्रिकेट को अलविदा कह दिया था।
सचिन एक टीम मैन थे, जो हमेशा टीम के हित को ऊपर रखते थे। तेंदुलकर ने जरूरत पड़ने पर गेंदबाजी में भी अपना जलवा बिखेरा। हालांकि टेस्ट मैचों में इन्होंने बहुत ज्यादा गेंदबाजी नहीं की फिर भी इनके नाम 46 विकेट दर्ज हैं।
सचिन ने 17 साल की बेहद कम उम्र में चोट के बावजूद पाकिस्तान के महानतम तेज गेंदबाजों के खिलाफ बल्लेबाजी करने का साहस दिखाया था। हालांकि इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़ कर नहीं देखा और तब से लेकर अगले 24 साल तक उन्होंने ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट पर राज किया।
आज हम सचिन तेंदुलकर की टेस्ट क्रिकेट प्रारूप में Top 5 पारियों पर एक नजर डालने जा रहे हैं :
5. सचिन के 119* रन बनाम इंग्लैंड – ओल्ड ट्रैफर्ड (अगस्त 1990)
सचिन तेंदुलकर की पहली बेहतरीन पारी उनके टेस्ट डेब्यू के एक साल बाद इंग्लैंड के खिलाफ ओल्ड ट्रैफर्ड में देखने को मिली थी। सचिन ने यह पारी महज 17 साल की उम्र में खेली थी। सचिन ने अपने बेहतरीन प्रदर्शन के दम पर भारतीय टीम को हार से बचाया था। सचिन ने इंग्लैंड के 408 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए संघर्ष कर रही भारतीय टीम को अपनी दमदार बल्लेबाजी से हार से बचा लिया।
उन्होंने प्रभाकर के साथ शानदार साझेदारी की और मैच ड्रॉ करवाया। तेंदुलकर ने इस मैच में 189 गेंदों में नाबाद 119 रन की पारी खेली थी। यह इनके करियर का पहला टेस्ट शतक था। इस पारी को सचिन की Top 5 पारियों में गिना जाता है।
4. मास्टर ब्लास्टर के 169 रन बनाम दक्षिण अफ्रीका – केप टाउन (जनवरी 1997)
साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में भारतीय टीम को अपने बल्लेबाजों के खराब प्रदर्शन के कारण करारी शिकस्त झेलनी पड़ी थी और टीम के ऊपर केपटाउन टेस्ट में वापसी का दवाब था। हालांकि इस मैच में भारतीय गेंदबाज पूरी तरह से विफल साबित हुए और साउथ अफ्रीका ने पहली पारी में जबरदस्त बल्लेबाजी करते हुए 529/7 के स्कोर पर पारी घोषित कर दी। इतने बड़े स्कोर के सामने भारतीय बल्लेबाजी दवाब में बिखर गयी और महज चार बल्लेबाज ही दहाई के आंकड़े को पार कर पाए।
भारतीय टीम एक समय 58 रन पर 5 विकेट खोकर संघर्ष कर रही थी लेकिन इसके बाद सचिन तेंदुलकर एक बार फिर संकटमोचन साबित हुए और उन्होंने अपनी बल्लेबाजी से भारतीय टीम के लिए संघर्ष किया। उन्होंने अज़हरुद्दीन के साथ मिलकर 222 रन की साझेदारी की।
अज़हर शानदार शतक लगाकर आउट हो गए और इसके बाद तेंदुलकर ने तेजी से रन बनाने की कोशिश की और वो भी कुछ समय बाद आउट हो गए। तेंदुलकर ने 254 गेंदों का सामना करते हुए 169 रन बनाये। सचिन की यह पारी उनकी सर्वश्रेष्ठ टेस्ट पारियों में से एक है।
3. सचिन के 155* रन बनाम ऑस्ट्रेलिया – चेन्नई (मार्च 1998)
चेन्नई के मैदान में खेले गए इस टेस्ट मैच में हमें सचिन तेंदुलकर की क्लास एक बार फिर देखने को मिली और इस बल्लेबाज ने ऑस्ट्रेलिया के मजबूत गेंदबाजी आक्रामक के सामने शतक लगाने में कामयाबी हासिल की। पहली पारी में सचिन महज चार रन बनाकर शेन वॉर्न का शिकार बने थे।
हालांकि उन्होंने दूसरी पारी में इसकी कसर पूरी की और बेहतरीन बल्लेबाजी की। तेंदुलकर ने दूसरी पारी में 191 गेंदों में 14 चौके और 4 छक्के लगाते हुए नाबाद 155 रन बनाये। सचिन की यह पारी उनके टेस्ट करियर की Top 5 पारियों में से एक है।
2. सचिन की 136 रन की पारी बनाम पाकिस्तान – चेन्नई (जनवरी 1999)
सचिन तेंदुलकर ने पाकिस्तान के खिलाफ अपने करियर में कई बेहतरीन पारियां खेली हैं और उसी में से एक पारी यह भी है। पाकिस्तान के पास वक़ार यूनुस और वसीम अकरम के रूप में दो बेहतरीन गेंदबाज मौजूद थे, जिनके सामने रन बनाना बिलकुल भी आसान नहीं होता था। पाकिस्तान 12 साल बाद भारत के खिलाफ कोई टेस्ट मैच खेल रहा था और यह मैच भारत के लिए खास नहीं रहा था क्योंकि टीम को हार मिली थी।
भारत को चौथे दिन तक खेल जीतने के लिए 271 रनों की आवश्यकता थी, जब तक सचिन मैदान पर आए, तब टीम 6/2 पर संघर्ष कर रही थी। मास्टर ब्लास्टर एक छोर पर थे और दूसरी तरह विकेट गिर रहे थे और भारतीय टीम 82/5 के स्कोर के साथ मुश्किल में थी।
नयन मोंगिया और तेंदुलकर ने भारत की वापसी की कोशिश की। तेंदुलकर और मोंगिया ने 136 रन की साझेदारी की। तेंदुलकर भी 136 रन बनाकर आउट हो गए और भारतीय टीम इसके बाद मैच हार गयी। तेंदुलकर ने अपनी इस पारी में 273 गेंदों का सामना करते हुए 18 चौके लगाए थे। यह पारी सचिन की Top 5 पारियों में चौथे स्थान पर आती है।
1. सचिन तेंदुलकर की 241 रन की पारी बनाम ऑस्ट्रेलिया – सिडनी (जनवरी 2004)
इस दौरे पर सचिन तेंदुलकर शुरूआती 6 पारियों में बड़ा स्कोर नहीं बना पाए थे और वह ऑफ स्टंप से बाहर जाती गेंदों पर ड्राइव लगाने की कोशिश में आउट हो रहे थे। सचिन तेंदुलकर ने इस टेस्ट में अपनी बल्लेबाजी के दौरान शानदार धैर्य और तकनीक का परिचय दिया और बिना कवर ड्राइव लगाए ही एक बड़ी पारी खेली।
तेंदुलकर ने इस मैच में 241 रन बनाये और भारत को मैच ड्रॉ करवाने में मदद की। तेंदुलकर ने अपनी पारी में 436 गेंदों का सामना करते हुए 33 चौके जड़े। इस पारी को सचिन की टेस्ट क्रिकेट में सर्वश्रेष्ठ पारी माना जाता है।